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कोडपत्र यानी कोडिसिल क्या है? | कोडिसिल के लिए परिस्थितियां क्या है?
यदि कोई व्यक्ति अपने जिवन काल में कोई संपत्ति जमा करता है तो वह उस के मृत्यू के बाद उसके संपत्ति पर उसके उत्तराधिकारियों का अधिकरा होता है। लेकिन अगर

 

यदि कोई व्यक्ति अपने जिवन काल में कोई संपत्ति जमा करता है तो वह उस के मृत्यू के बाद उसके संपत्ति पर उसके उत्तराधिकारियों का अधिकरा होता है। लेकिन अगर वह उसके मृत्यू के बाद उसके संपत्ति का निपटारा खुद अपने मर्जी से करना चाहता है तो  वह अपना वसियत बना कर रखता है। हमने पहले हि वसीयत के बारे में और उसे कैसे बनाते है उसके बारेमे सविस्तर जानकारी देखि है।

 

 

वसियत बनाने के बाद बहोत से लोगों को यह सवाल आता है के वसियत को बदला जा सकता है या उसमे कोई संशोधन किया जा सकता है। तो इस तरह के वसियत को बदलने के प्रक्रिया को कोडपत्र यानी कोडिसिल कहते है। तो आईये इस लेख के माध्यमसे हम कोडपत्र यानी कोडिसिल क्या है | कोडिसिल के लिए परिस्थितियां क्या है इसके बारेमें जानकारी हासिल करते है।

 

कोडपत्र का मतलब है यह है की अपनी वसीयत में कुछ जोडना या बदलाव करना। यदि आपने कभी कोई वसीयत बनाई है और बाद में आप उसमें कोई बदला या संशोदन करना चाहते हैं तो आपको एक नई वसीयत बनाने की जरूरत नही है क्योकि आप एक नया वसियत बनाने के बजाय एक कोडिसिल के जरिए अपनी पुरानी वसीयत में कुछ जरूरी बदलाव या संशोधन कर सकते हैं।

 

 

मनूष के जीवन में बदलती परिस्थितियों के हिसाब से कोडिसिल के माध्यम से अपनी वसीयत में समय समय पर जरूरी संशोधन याने बदलाव करते रहना चाहिए। यहांपर निम्नलिखित कुछ परिस्थितियों बताई गई है जिसके माध्यम से आपको कोडिसिल की आवश्यक्ता पड सकती है।

 

 

आज हमने इस लेख के माध्यम से हमारे पाठको को कोडपत्र यानी कोडिसिल क्या है | कोडिसिल के लिए परिस्थितियां क्या है इसके बारे में जानकारी देने की पुरी कोशिश की है। आशा है के आपको यह लेख पुरी तरह से समझने आया होगा। 

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